थाइरोइड टेस्ट कैसे चेक होता है , क्या थाइरोइड टेस्ट खाली पेट होता है? | Thyroid Test Khali Pet Hota Hai Kya

थाइरोइड की समस्या आजकल तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है। पिछले कुछ सालों में यह तेजी से फैली है। अकेले भारत देश में ही लगभग 4 करोड़ से ज्यादा लोग थाइरोइड की समस्या से परेशान है। वहीं बहुत से लोग इसे छोटी-मोटी बीमारी समझ कर नजरअंदाज कर देते है। लेकिन यह बीमारी आगे चलकर बहुत खतरनाक रुप ले सकती है। इस बीमारी का कारण कहीं न कहीं हम ही है। क्योंकि हमारे खान-पान और हमारी जीवनशैली का हमारे सेहत पर बेहद असर पड़ता है। आज कल हमारा खान-पान और हमारी जीवनशैली सब खराब हो चुकी है जिनके चलते हमारा शरीर किसी न किसी बीमारी की चपेत में आ जाता है। थाइरोइड की बीमारी भी उन्हीं बीमारियों में से एक है। थाइरोइड की समस्या से पीड़ित लोगों का वजन तेजी से बढ़ने लगता है। साथ ही वो लोग हमेशा तनाव महसूस करते है। इसी के साथ थाइरोइड की वजह से लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या भी हो सकती है। मतलब कहा जा सकता है कि बीमारी एक उसके लक्षण अनेक। इसलिए अगर आपको यह सारे लक्षण अपने शरीर में दिखाई देते है तो यह थाइरोइड के ही शुरूआती लक्षण हो सकते है। इसलिए इनको नजरअंदाज बिल्कुल ना करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इसका अच्छे से इलाज करवाएं।


थाइरोइड टेस्ट कैसे चेक होता है? (Thyroid Test Kaise Check Hota Hai)


अगर आपको अपने शरीर में थाइरोइड के शुरूआती लक्षण दिखाई देते है तो आपको थाइरोइड होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। इसलिए थाइरोइड के बहुत से टेस्ट होते है जिनके प्रयोग से थाइरोइड का पता लगाया जाता है। डॉक्टर्स अक्सर लोगों को थाइरोइड की शिकायत पर यही टेस्ट करवाने की सलाह देते है। क्योंकि इन टेस्ट के माध्यम से आपको पता चल जाता है कि आपको थाइरोइड की समस्या है या फिर नहीं। इन टेस्ट के माध्यम से टी0, टी1, टी2, टी3, टी4, और टीएचएस का पता लगाया जाता है। यह हार्मोन्स होते है जिनका निर्माण थाइरोइड ग्रंथि द्वारा किया जाता है। लेकिन जब थाइरोइड इन हार्मोन्स का निर्माण जरूर से ज्यादा या कम मात्रा में करने लग जाए तो आपको थाइरोइड की संभावना हो सकती है। तो मुख्य रूप से इन टेस्ट के माध्यम से यही चेक किया जाता है कि थाइरोइड ग्रंथि द्वारा बनाए जा रहे हार्मोन्स का उत्पादन संतुलित मात्रा में हो रहा है या फिर नहीं। थाइरोइड के लिए डॉक्टर्स निम्नलिखित टेस्ट करवाने का सुझाव देते है। 

टीएसएच(TSH)


टीएसएच का मतलब थाइरोइड उत्तेजक हार्मोन। टीएसएच परीक्षण एक रक्त परीक्षण है। जिसका प्रयोग टीएसएच हार्मोन के स्तर का ही पता लगाने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के माध्यम से रक्त में मौजूद टीएसएच की मात्रा की जांच की जाती है। यह थाइरोइड को बताता है कि कितना टी3 और टी4 बनाना है। जांच के दौरान अगर रक्त में टीएसएच का स्तर ज्यादा पाया जाता है तो आपको हाइथोपायरायडिज्म यानि कि कम सक्रिय थाइरोइड है। इसका मतलब है कि आपका थाइरोइड पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बना रहा है। वहीं दूसरी तरफ अगर जांच के दौरान टीएसएच का स्तर कम पाया जाता है तो आपको हाइपरथायराडिज्म यानि कि अधिक सक्रिय थाइरोइड है। इसका मतलब है कि आपका थाइरोइड अधिक मात्रा में  हार्मोन बना रहा है। डॉक्टर्स के मुताबिक टीएसएच की नॉर्मल टेस्ट रेंज 0.4-4.0 mlU/L के बीच होती है। यदि आपका टीएसएच का स्तर 2.0 से ज्यादा है,तो हाइपोथायराडिज्म का खतरा होता है। इसमें आपको वजन बढ़ने, थकान,अवसाद और नाखुनों के टूटने जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं अगर टीएसएच का स्तर कम होे जाता है तो इसका मतलब आपके शरीर में आयोडीन की मात्रा बेहद बढ़ चुकी है। टीएसएच का परीक्षण लेने के लिए डॉक्टर एक छोटी सुई का प्रयोग करेगा। उस सुई के इस्तेमाल से वह आपके हाथों की नस से रक्त का नमून लेगा। सुई को जैसे ही हाथ की नस में डाला जाता है तो उस रक्त को एक शीशी में इक्टठा कर लिया जाता है। सुई अंदर या बाहर जाती है तो आपको हल्की सी चुभन भी महसूस हो सकती है।इसके बाद रक्त के इस नमूने को लैब में भेजा जाता है। जहां पता टीसीएच हार्मोन का पता लगाया जाता है।  इस टेस्ट को करने में मात्र 5 मिनट का ही समय लगता है।

टी4 


टी4 यानि की थायरोक्सिन परीक्षण। यह भी एक रक्त परीक्षण ही है। इस परीक्षण के माध्यम से थाइरोइड ग्रंथि द्वारा बनाए जा रहे टी4 हार्मोन के स्तर का पता लगाया जाता है। अगर परीक्षण के दौरान इसका स्तर सामान्य से ज्यादा या फिर कम हो तो आपको थायरोइड की संभावना हो सकती है। हमारे रक्त में मुख्य रूप से टी4 के दो रूप होते है। फ्री टी4 और बाउंड टी4। फ्री टी4 यह थायरोक्सिन हार्मोन का सक्रिय रूप है जो आपके ऊतकों में वहां प्रवेश करता है जहां इसकी आवश्यक्ता होती है। वहीं बाउंड टी4 थायरोक्सिन है जो कुछ प्रोटिनों से जुड़ता है या बांधता है। जो इसे आपके ऊतकों में प्रवेश करने से रोकता है। टी4 परीक्षण का प्रयोग यह जांचने के लिए किया जाता है कि आपका थाइरोइड से अच्छे से काम कर रहा है या फिर नहीं। इसका प्रयोग थाइरोइड रोग और स्थितियों के निदान के लिए किया जाता है जोकि आपके थाइरोइड को प्रभावित कर सकते है। अगर आपके शरीर में थाइरोइड के लक्षण पाए जाते है तो आप टीएसएच परीक्षण करवाते है लेकिन अगर इस परीक्षण में हार्मोन सामान्य नहीं आते तो अधिक जानकारी के लिए टी4 परीक्षण करवाया जाता है। यदि परीक्षण के दौरान टी4 का स्तर सामान्य से अधिक मात्रा में पाया जाता है तो इसका मतलब आपको हाइपायरायडिज्म की समस्या है तो वही दूसरी और परीक्षण के दौरान टी4 का स्तर सामान्य से कम मात्रा में पाया जाता है तो इसका मतलब कि आपको हाइपोथायरायडिज्म की समस्या है। इस टेस्ट को करने के लिए डॉक्टर एक छोटी सुई को आपके हाथों की नस में डालता है। जिसके बाद उस रक्त को एक शीशी में इक्ट्ठा कर लिया जाता है। जब सुई को अंदर या फिर बाहर डाला जाता है तो आपको हल्की सी चुभन जरूर महसूस हो सकती है। 


टी3


इस परीक्षण का प्रयोग भी शरीर में हार्मोन के स्तर का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण आपके शरीर में ट्राईआयोडोथायरोनिन के स्तर को मापता है। टी3 आपके थाइरोइड द्वारा निर्मित दो हार्मोन्स में से एक है। टी3 हार्मोन मुख्य रूप से दो रूपों में आता है।पहला होता है बंधा हुआ टी3 जोकि प्रोटीन से जुड़ा होता है। वहीं दूसरी और होता है मुफ्त टी3 जोकि किसी से भी जुड़ा नहीं होता। हाइपरथायरायडिज्म का निदान करने के लिए अक्सर टी3 परीक्षण का प्रयोग किया जाता है।  यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर बहुत अधिक मात्रा में थाइरोइड हार्मोन बनाता है। टी3 परीक्षण भी टीएसएच और टी4 परीक्षण की तरह ही किया जाता है। 


क्या थाइरोइड टेस्ट खाली पेट होता है? (Thyroid Test Khali Pet Hota Hai Kya)


अन्य टेस्ट की तरह इस टेस्ट के लिए जरूरी नहीं है कि थाइरोइड टेस्ट खाली पेट ही करवाया जाए। आप यह टेस्ट खाना खाने के बाद करवा सकते है। अगर आपको थाइरोइड हार्मोन के साथ-साथ कई अन्य टेस्ट करवाने है तो आप खाली पेट करवा सकते है।


थाइरोइड कितने दिनों में ठीक हो जाता है? ( Thyroid Kitne dino me thik ho jata hai)


थाइरोइड की समस्या कितने दिनों में ठीक होगी? यह बात थाइरोइड की गंभीरता पर ही निर्भर करता है। अगर आपको थाइरोइड के अभी शुरूआती लक्षण है तो इसे जल्द ही ठीक हो जाएगी। लेकिन वहीं अगर आपको यह समस्या लंबे समय से है तो आपको इसका अच्चे से इलाज करवाना पड़ेगा तभी आप इस बीमारी से छुटकारा पा सकेंगे। 


थाइरोइड रोग किसकी कमी से होता है?

थाइरोइड ग्रंथि में शरीर का 80 फीसदी आयोडीन पाया जाता है। इसिलए आयोडीन की कमी थाइरोइड बीमारी का एक मुख्य कारण हो सकती है। इसी के साथ वंशानुगत भी इस बीमारी का एक कारण हो सकता है। 


थाइरोइड बीमारी में क्या परहेज करना चाहिए?

थाइरोइड की समस्या से जूझ रहे लोगों को अपने खान-पान में परहेज करने की खास जरूरत है। इन लोगों को हाई केलोरी वाले खाने को जितना हो सके उतना कम ही खाना चाहिए.। इसी के साथ कुछ पेय पदार्थ जैसे कि कैफीन, शराब, ग्रीन, कोल्ड्रिंक आदि के सेवन से बचना चाहिए।

 

थाइरोइड के लिए कौन-कौन से टेस्ट होत है?

थाइरोइड के लिए टेस्ट निम्नलिखित है

  1. टीएसएच(TSH)
  2. टी3(T3)
  3. टी4(T4)

 टीएसएच((TSH) टेस्ट कैसे चेक होता है?

इस टेस्ट को करने के लिए डॉक्टर एक छोटी सुई को आपके हाथों की नस में डालता है। जिसके बाद उस रक्त को एक शीशी में इक्ट्ठा कर लिया जाता है। जब सुई को अंदर या फिर बाहर डाला जाता है तो आपको हल्की सी चुभन जरूर महसूस हो सकती है। 



निष्कर्ष:


अगर आपको अपने शरीर में थाइरोइड के लक्षण दिखाई देते है। तो आपको थाइरोइड की समस्या हो सकती है। इसलिए इसे नजरअंदाज ना करें। बिना किसी देरी के ऊपर बताए गए टेस्ट करवाएं । यह टेस्ट करवाने से पहले आप अपने डॉक्टर या फिर किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। अगर इसके शुरूआती लक्षणों को नजरअंदाज किया जाएं तो यह बीमारी आगे चल और भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। 


 

Source :-

 

https://www.niddk.nih.gov/health-information/diagnostic-tests/thyroid


https://www.urmc.rochester.edu/encyclopedia/content.aspx?contenttypeid=167&contentid=free_t4_thyroxine#:~:text=What%20is%20this%20test%3F,shaped%20gland%20in%20your%20neck.


https://pharmeasy.in/blog/tsh-test-in-hindi/#:~:text=%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%8F%E0%A4%B8%E0%A4%8F%E0%A4%9A%20(TSH)%20%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%A3%20%E0%A4%8F%E0%A4%95%20%E0%A4%96%E0%A5%82%E0%A4%A8,%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A4%A6%20%E0%A4%95%E0%A4%B0%20%E0%A4%B8%E0%A4%95%E0%A4%A4%E0%A4%BE%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A5%A4&text=%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%8F%E0%A4%B8%E0%A4%8F%E0%A4%9A%20%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%A3%20%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%A3%E0%A4%BE%E0%A4%AE%20%E0%A4%8F%E0%A4%95%20%E0%A4%9B%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%80,%E0%A4%95%E0%A5%87%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%B7%E0%A4%A3%20%E0%A4%AA%E0%A4%B0%20%E0%A4%86%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%A4%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A5%A4


https://www.mountsinai.org/health-library/tests/tsh-test


https://medlineplus.gov/lab-tests/triiodothyronine-t3-tests/


https://www.vokal.in/question/1NLJ6-thyroid-ki-jaanch-khaali-pet-hoti-hai-ya-khana-khane-ke-baad


https://www.metropolisindia.com/blog/health-test/is-fasting-required-for-thyroid-test-and-other-questions-answered/