पीसीओएस क्या जानलेवा साबित हो सकता है, पीसीओएस से होने वाले नुकसान क्या है ?

पीसीओएस (pcos) यानि कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जोकि महिलाओं में पाई जानी वाली बीमारी है। अगर इस बीमारी को नजरअंदाज किया जाए तो यह बीमारी आगे जाकर बेहद ही गंभीर रूप धारण कर लेती है। इस बीमारी से जूझ रही महिलाओं को गर्भधारण में दिक्कतों का सामना करना पड़ा सकता है। पीसीओएस एक हार्मोन से जुड़ी समस्या है। जो कि महिलाओं में उनके प्रजनन वर्षों के दौरान होती है। किसी भी महिला को पीसीओएस की संभावना तब होती है जब उसके अंडाशय द्वारा अधिक मात्रा में हार्मोन्स का उत्पादन किया जाता है। जिन्हे एंड्रोजन के नाम से भी जाना जाता है। इससे आपके प्रजनन हार्मोन असंतुलित हो जाते है। हार्मोन असंतुलन अंडाशय( ovary) में कई  तरह की समस्याएं पैदा करता है। अंडाशय जोकि अंडों का निर्माण करते है, ओव्यूलेशन के दौरान अपरिपक्व और परिपक्व अंडे हर महीने मासिक धर्म (periods) के जरिए शरीर से बाहर निकाल दिए जाते है। लेकिन पीसीओएस से जूझ रही महिला के अंडाशय में यह अंडे बाहर नहीं निकल पाते। जिससे कि यह अंडे सिस्ट यानि कि द्रव से भरी थैली का रूप धारण कर लेते है। जिससे कि महिलाओं को मासिक धर्म न आना, अनियमित मासिक चक्र आना, चेहरे, छाती समेत शरीर के अन्य भागों में बालों का आना जैसी कई तमाम समस्याओं होने लगती है। आज कल यह बीमारी बेहद ही आम बन चुकी है। भारत में हर 5 महिलाओं में से 1 महिला पीसीओएस की बीमारी से जूझ रही है। तो वहीं भारत में ही तकरीबन 59 प्रतिशत महिलाएं पीसीओएस की वजह से मोटापे की समस्या से जूझ रही है। तो इन आंकड़ो से यह साफ पता लगाया जा सकता है कि यह बीमारी कितनी तेजी से महिलाओं को अपनी चपेत में ले रही है। इस समस्या का कारण हमारा खान-पान और हमारी अस्वस्थ जीवनशैली ही है। 



 

क्या पीसीओएस जानलेवा हो सकता है?


पीसीओएस की बीमारी अन्य गंभीर बीमारियों में से एक है। लेकिन अक्सर दिमाग में यह प्रश्न आता है कि क्या पीसीओएस जानलेवा हो सकता है? क्या होगा अगर इसको नजरअंदाज किया जाए? तो इन सब के प्रश्न आज हम आपको देंगे। चिकित्सकों के अनुसार पीसीओएस जानलेवा तो नहीं होता। लेकिन पीसीओएस से शरीर में कई अन्य बीमारियां जैसी कि टाइप 2 मधुमेह,, कैंसर, उच्च रक्त चाप ( high bp), दिली की बीमारियों समेत कई बीमारियां हो जाती है। अगर इनको नजरअंदाज किया जाए तो यह जरूर आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। पीसीओएस से अंडाशय पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे महिलाओं के प्रजनन अंग भी बुरी तरह से प्रभावित होते है। 



पीसीओएस से कौन-कौन से नुकसान हो सकते है ?



अगर किसी भी महिला में मोटापा, डायबिटीज, अनियमित मासिक धर्म, चेहरे,छाती और शरीर के अन्य भागों में बाल आने लग जाएं । तो यह सारे पीसीओएस के ही लक्षण है। इसी के साथ पीसीओएससस से पीड़ित महिला को गर्भाधारण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी बीमारी की ही वजह से महिलाओं को मिसकैरिज और बच्चें का समय से पहले जन्म लेना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी के साथ पीसीओएस की वजह से कई तरह के नुकसान होते है जो कि निम्नलिखित अनुसार है। 



  • मधुमेह की बीमारी होना

  • पीसीओएस की वजह से मधुमेह का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। इसलिए यदि कोई महिला पीसीओएस की समस्या से जूझ रही है तो उसको मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है। पीसीओएस की वजह से लगातार वजन बढ़ने लगता है। वजन बढ़ने से मधुमेह (dibetes) की बीमारी का होना भी आम बात है। वहीं पीसीओएस की वजह से ही इंसुलिन प्रतिरोधक की समस्या का सामना करना पड़ता है। जिसका मतलब है कि आपका शरीर इंसुलिन का सही ढंग से प्रयोग नहीं कर पा रहा। इंसुलिन शरीर का एक जरूरी हार्मोन है जो भोजन को ऊर्जा में तबदील करता है। इसी के साथ यह हमारे शरीर में रक्त शर्करा( blood sugar level) के स्तर को नियत्रिंत करता है।



  • बांझपन का खतरा

  • पीसीओएस से पीड़ि्त अधिकतर महिलाओं को बांझपन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसी के साथ गर्भावस्था की जटिलता भी हो सकती है। पीसीओएस की बीमारी से जूझ रही महिलाओं को गर्भपात, समय से पहले बच्चें का जन्म लेना जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसी बीमारी के कारण महिलाओं की प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है।  



  • उच्च रक्तचाप

  • पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को अन्य महिलाओं के मुकाबले उच्च रक्त चाप (HIGH BP)  होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। क्योंकि पीसीओएस से पीड़ित महिला के अंडाशय(ovary) द्वारा अधिक मात्रा में एंड्रोजन का उत्पादन किया जाता है, और यह शरीर में रक्तचाप के स्तर को बढ़ाता है। जिसके चलते महिलाओं को उच्च रक्त की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 



  • स्लीप एपनिया की समस्या

  • पीसीओएस की वजह से स्लीप एपनिया की समस्या होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। स्लीप एपनिया एक संभावित गंभीर नींद विकार है। जिसमें रात के समय बार-2 सांस लेने में रूकावट का सामना करना पड़ सकता है। यह बीमारी ज्यादा वजन वाली महिलाओं में भी अधिक पाई जाती है। इसिलए पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं को इस बीमारी का भी सामना करना पड़ता है। 



  • अंतर्गर्भाशय में कैंसर का खतरा


  • इसी के साथ पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को अंतर्गर्भाशय में कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। क्योंकि ओव्यूलेशन की कमी के चलते मासिक धर्म नियमित रूप से नहीं हो पाते। जिससे कि गर्भाशय की मोटी परत बढ़ सकती है। जिसके कारण अंतर्गर्भाशय में कैंसर का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। 



  • मानसिक तनाव

  • वहीं पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं का मानसिक तनाव से जूझना भी आम बात है। अनचाहे बालों का विकास, लगातार बढ़ता वजन महिलाओं के मन को नकारात्मक रुप से प्रभावित कर सकता है। 






    निष्कर्ष:



    अगर आप भी पीसीओएस से पीड़ित है तो घबराइए मत इसका भी इलाज संभव है। पीसीओएस के शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर तुंरत अपने किसी निजी डॉक्टर या फिर विशेषज्ञ को दिखाएं, और उनके द्वारा बताएं निर्देशों का पालन करना और पूरा-2 परहेज करना। इस बीमारी को नजरअंदाज बिल्कुल भी ना करें। क्योंकि इस एक बीमारी से आपको कई अन्य बीमारियां जैसे कि कैंसर, मधुमेह, दिल की बीमारी समेत कई अन्य का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इसका अच्छे से इलाज करवाएं। 


     




    क्या पीसीओएस जानलेवा हो सकता है?



    डॉक्टरों के मुताबिक पीसीओएस जानलेवा नहीं हो सकता। लेकिन पीसीओएस से होने वाली अन्य बीमारियां जैसे कि दिल की बीमारी, मधुमेह समेत अन्य बीमारियां जरूर जानलेवा हो सकती है। 




    पीसीओएस से होने वाले 5 नुकसान?


    पीसीओएस से होने वाले 5 नुकसान निम्नलिखित है।


    • मधुमेह
    • उच्च रक्तचाप
    • कैंसर
    • बांझपन
    • वजन बढ़ना



    पीसीओएस की वजह से रक्त चाप कैसे बढ़ता है?


     पीसीओएस से पीड़ित महिला के अंडाशय द्वारा अधिक मात्रा में एंड्रोजन का उत्पादन किया जाता है, और यह शरीर में  रक्तचाप के स्तर को बढ़ाता है। जिसके चलते महिलाओं को उच्च रक्त की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 



    क्या पीसीओएस से पीड़ित महिला गर्भवती हो सकती है?

     

    पीसीओएस का मतलब यह नहीं है कि इस बीमारी की वजह से महिला गर्भवती नहीं हो सकती । क्योंकि पीसीओएस के चलते महिला को गर्भाधारण में मुश्किल हो सकती है परंतु यह नामुमकिन बिल्कुल नहीं है। पीसीओएस के लक्षणों को कंट्रोल करने के बाद कोई भी महिला आसानी से प्रेगनेंट हो सकती है। 

     

    क्या पीसीओएस की वजह से मधुमेह का खतरा बढ़ता है?

    पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में इंसुलिन प्रतिरोधक होता है जिससे मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि इंसुलिन शरीर में शुगर के स्तर को नियत्रिंत करने में मदद करता है। लेकिन पीसीओएस के चलते इंसुलिन का प्रभावी ढंग से प्रयोग नहीं हो पाता। 

     

    Source :-

    https://www.webmd.com/women/what-is-pcos

    https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/conditionsandtreatments/polycystic-ovarian-syndrome-pcos

    https://www.womenshealth.gov/a-z-topics/polycystic-ovary-syndrome

    https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/8316-polycystic-ovary-syndrome-pcos

    https://www.pristyncare.com/hi/blog/pcos-and-pregnancy-success-in-hindi-pc0578/

    https://ndtv.in/health/pcod-side-effects-these-5-damages-are-caused-to-the-body-due-to-pcod-hindi-2502475