क्या पीसीओएस कम उम्र की लड़कियों को हो सकता है , पीसीओएस का कैसे पता लगाए?

हमारे खान-पान और जीवनशैली का हमारी सेहत पर बेहद असर पड़ता है। हमारे खाने-पीने से लेकर दिन भर के रुटीन सब चीजों का एक अच्छी सेहत पर बेहद ही असर पड़ता है। इन सब का हमारे शरीर के अंगों और उनके कार्यों पर असर पड़ता है। पहले के समय में बीमारियां बुढ़ापे पर होती थी। लेकिन आज के समय में बच्चे को जन्म से ही कोई-कोई बीमारी हो ही जाती है। आज के समय में हर कोई किसी न किसी बीमारी की दवाई जरूर लेता होगा। मतलब बीमारी के बिना आज के समय में गुजारा नहीं हो सकता। ऐसी ही बीमारियों में से एक बीमारी है पीसीओएस (pcos) । आपने नाम तो सुना ही होगा। इतनी आम जो हो चुकी है। पिछले कुछ सालों में यह बीमारी तेजी से बढ़ी है। आंकड़ो की बात करें तो भारत में हर 5 महिलाओं में से 1  महिला को पीसीओएस की समस्या है। पीसीओएस की समस्या अंडाशय द्वारा अधिक मात्रा में पुरूष हार्मोन का उत्पादन करने पर होती है। जिससे कि अंडाशय में परिपक्व और अपरिक्व अंडे मासिक धर्म( periods) के जरिए शरीर से बाहर नहीं निकल पाते । जिसके चलते यह अंडे सिस्ट यानि द्रव से भरी थैली का रुप धारण कर लेते है। पीसीओएस के चलते महिलाओं को अनियमित रुप से मासिक धर्म आते है। इसी के साथ चेहरे, छाती और शरीर के अन्य अंगों पर अनचाहे बाल, मोटापा, उच्च रक्त चाप समेत कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है। वहीं हैरानी वाली बात यह है कि पहले यह बीमारी ज्यादा उम्र की महिलाओं में पाई जाती थी लेकिन अब यह बीमारी 20 या उससे कम उम्र की लड़कियों में भी पाई जाती है।आज के समय में कम उम्र की लड़किया भी पीसीओएस की समस्या से जूझ रही है।  




क्या पीसीओएस कम उम्र की लड़कियों को हो सकता है?


आज कल के खान पान और हमारे अस्वस्थ जीवनशैली की वजह से पीसीओएस की समस्या कम उम्र कीू लड़कियों को भी होने लगती है। महिलाओं में पीरियड्स की शुरूआत किशोरावस्था(teenager) से ही हो जाती है। इसी के साथ पीसीओएस की समस्या भी कम उम्र की लड़किया यानि कि टीनएज से ही हो जाती है।  बात हैरान करने वाली जरूर है लेकिन सच है। इसके पीछा का कारण सिर्फ और सिर्फ हम ही है। क्योंकि आज के समय में हमने अपने खान-पान और अपनी जीवनशैली पूरी तरह से बिगाड़ ली है। अधिक मसालेदार और चटक वाली चीजों का सेवन आज कल बढ़ गया है जिसका हमारे शरीर पर बेहद ही खराब असर पड़ता है। कम उम्र की लड़कियों को पीसीओएस होने का एक मुख्य कारण वंशानुगत हो सकता है। अगर परिवार में मां, नानी को पीसीओएस की समस्या हो तो आपको भी कम उम्र से ही पीसीओएस की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। 


पीसीओएस का कैसे पता लगाए?


आज कल यह प्रश्न बड़ा उठता है कि हम कैसे पता करें कि हमें पीसीओएडी की समस्या है या नहीं? तो आपको बता दें कि इसका जवाब बड़ा ही आसान है। जैसे हर बीमारी के लक्षण होते है वैसे ही इस बीमारी के भी है। अगर आपको पीसीओएस के लक्षण दिखाई दे रहे है तो इसका मतलब आपको पीसीओएस की समस्या है। इसी के साथ कई तहर के मेडिकल टेस्ट के जरिए भी आप पता लगा सकते है कि आपको पीसीओएस की शिकायत है या फिर नहीं। पीसीओएस के लक्षण और टेस्ट निम्नलिखित अनुसार है। 


  • अनियमित रूप से मासिक धर्म आना

  • अगर किशोरावस्था में आपको नियमित रूप से मासिक धर्म नहीं आ रहे है तो यह पीसीओएस का कारण हो सकता है। क्योंकि पीसीओएस का मुख्य लक्षण ही अनियमित रूप से मासिक धर्म का आना है। इसलिए इस  समस्या को नजरअंदाज ना करें और अपने डॉक्टर या फिर किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। साथ ही इसका अच्छे से इलाज करवाएं और पूरा-2 परहेज रखें। 


  • चेहरे पर मुंहासे आना

  • अगर किशोरावस्था में आपको मुंहासे की समस्या ज्यादा हो रही है तो यह भी पीसीओएस का एक लक्षण हो सकता है। क्योंकि पीसीओएस की समस्या में अंडाशय में पुरुष हार्मोन का उत्पादन ज्यादा होता है । जिससे कि लड़कियों की त्वचा ऑयली हो जाती है। जिससे कि चेहरे पर मुंहासे निकलने लगते है। तो यदि आपको भी ऐसे कुछ लक्षण दिखाई दे रहे तो बिना किसी देरी के अपने डॉक्टर को दिखा कर इसका इलाज करवाएं। 


  • अनचाहे बाल आना

  • किशोरावस्था में पीसीओएस होने से चेहरे, छाती और शरीर के अन्य अंगों में अनचाहे बाल आने लगते है । यदि आपको भी ऐसा लक्षण दिखाई देता है तो आपको पीसीओएस होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। तो इसे नजरअंदाज ना करें और इसका समय पर इलाज करवाएं और पूरा-पूरा परहेज करें। 


  • अचानक से वजन बढ़ना

  • अगर किशोरावस्था में आपका वजन अचानक तेजी से बढ़ने लगा है तो आपको पीसीओएस होने की संभावना हो सकती है। क्योंकि अचानक से वजन बढ़ना पीसीओएस का एक मुख्य लक्षण है। 


    मेडिकल टेस्ट:


    अगर आपको पीसीओएस की शिकायत लगती है तो डॉक्टर निम्नलिखित मेडिकल चेकअप के जरिए पता कर सकते है कि आपको पीसीओएस की शिकायत है या फिर नहीं। 


  • ब्लड टेस्ट 

  • डॉक्टर्स ब्लड टेस्ट के जरिए पता लगा सकते है कि आपको पीसीओएस की समस्या है या फिर नहीं। ब्लड टेस्ट की मदद से हार्मोन के स्तर का पता लगाया जाता है । इसी के साथ इंसुलिन के स्तर की भी जांच की जा सकती है। जोकि पीसीओएस होनो पर महिलाओं में बढ़ा हुआ होता है। 


    •  पेल्विक अल्ट्रासाउंड

    पीसीओएस का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपको पेल्विक अल्ट्रासाउंड करवाने की भी सलाह दे सकते है। इस टेस्ट के माध्यम से डिम्बग्रंथि अल्सर का पता लगाया जाता है।


  • अल्ट्रासाउंड 


  • यह टेस्ट गर्भाशय और अंडाशय की छवियां बनाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। इस टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर पीसीओएस के लक्षणों को जांचने के लिए अंडाशय पर आंशिक रूप से विकसित अंडे, बढ़े हुए अंडाशय या गर्भाशय की जांच के लिए पेट का अल्ट्रासाउंड कर सकते है।


    निष्कर्ष:



    पीसीओएस की समस्या आजकल लड़कियों को कम उम्र से ही हो जाती है। आज कल 20 साल से कम उम्र की लड़कियां भी इस समस्या से जूझ रही है। कम उम्र में पीसीओएस होने पर लड़कियों को मासिक धर्म नियमित रूप से नहीं आते, चेहरे व शरीर के अन्य भागों में अनचाहे बाल निकलने लगते है। इसी के साथ अचानक वजन भी बढ़ने लगते है अगर आपको भी यह सारे लक्षण अपने शरीर में दिखाई दे रहे है। तो आपको पीसीओएस होने की संभावना हो सकती है। बिना किसी देरी के डॉक्टर के पास जाएं। इसी के साथ पीसीओएस का पता लगाने के लिए कई तरह के टेस्ट भी है । जिन्हें करवाकर आप पीसीओएस के बारे में पता लगा सकते है। जैसे कि पेल्विक अल्ट्रासाउंड, अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट समेत कई टेस्ट शामिल है। 


    कैसे पता चलता है कि पीसीओडी है?

    अगर आपको अपने शरीर में निम्ननलिखित लक्षण दिखाई दे रहे है तो समझ जाएं कि आपको पीसीओएस की समस्या हो सकती है:

    • अनियमित रूप से मासिक धर्म का आना
    • चेहरे व शरीर के अन्य भागों पर अनचाहे बालों का आना
    • अचानक से वजन का बढ़ना
    • त्वचा पर मुंहासे आना
    • बांझपन

    अगर आपको पीसीओएस है तो आप कैसे टेस्ट करते हैं?


    अगर आपको पीसीओएस की शिकायत लग रही है। तो उसका पता लगाने के लिए आप निम्नलिखित टेस्ट करवा सकते है:

    • ब्लड टेस्ट
    • पेल्विक अल्ट्रासाउंड
    • अल्ट्रासाउंड

    क्या पीसीओएस की शिकायत कम उम्र की लड़कियों में भी हो सकता है?


    जी हां पीसीओएस की समस्या कम उम्र की लड़कियों को भी होने लगी है। जिसका मुख्य कारण हमारा खराब खान-पान और अस्वस्थ जीवशैली है।

    क्या पीसीओएस ठीक हो जाएगा?


    जी हां डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवाइंया और अपने खान-पान और जीवनशैली में सुधार करके पीसीओएस की समस्या पर काफी हद तक नियत्रिंत की जा सकती है। 


    Pcos में क्या नहीं खाना चाहिए?


    पीसीओएस की समस्या से जूझ रही महिलाओं को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। इस समस्या से पीड़ित महिलाओं को अधिक तला-भुना और मसालेदार खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना है। इसी के साथ जंक फूड जैसे कि पिज्जा, बर्गर आदि के सेवन से भी जितना हो सके उतना बचना है।इस परिस्थिति में जितना ज्यादा हो सके पौष्टिक तत्वों का सेवन करना चाहिए। 


    Source -: 


    https://www.littleangelivf.com/blog/pcos-causes/pcos-kya-hota-hai-pcos-test-kaise-hota-hai/#


    https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/pcos/diagnosis-treatment/drc-20353443


    https://www.cedars-sinai.org/blog/polycystic-ovary-syndrome.html#:~:text=There's%20no%20single%20test%20for%20it%2C%20but%20a%20physical%20exam,an%20egg%20from%20your%20ovaries.


    https://www.jeanhailes.org.au/health-a-z/pcos/how-is-pcos-diagnosed#:~:text=Blood%20tests%20for%20testosterone%20and,%2Dstimulating%20hormone%20(FSH).


    https://nyulangone.org/conditions/polycystic-ovary-syndrome/diagnosis#:~:text=Blood%20Tests,in%20women%20with%20the%20condition.


    https://www.verywellhealth.com/understanding-your-blood-tests-pcos-2616327